❤️….में ओर तुम….❤️

एक खूबसूरत अहसास
तुम्हारा पास होना…

तुम्हारी नज़दीकियों के एहसास को
तुम्हें किस तरह बताऊँ

जैसे घने अंधेरे को चीरती
दीपक की मद्धम सी लौ के बीच
करवट बदलता,इठलाता है पीला सा अंधेरा,
वैसे ही तुम्हारे नज़दीक आ कर
तुम्हारी बाहों में समा कर
खिल उठता है ये जीवन मेरा..

जब भी तुम्हें सबसे नज़रें बचा कर
अपनी ओर अपलक देखता पाता हूँ
तो मन ही मन मुस्कुरा जाता हूँ
और मुझे अपनी ओर देखता पा कर
तुम्हारी लाज से झुक जाती पलकें
तुम्हारी निश्छल मुस्कान जैसे आमंत्रण देती हैं
कि बना दूं एक दायरा तुम्हारे आसपास
जिसकी परिधि हो साँसें तुम्हारी
और तुम्हें समेटे हुए हो मेरी बाहों का घेरा..

जब तुम्हें पहली बार देखा
तो प्रेम क्या होता है ये जाना
और फिर तुम्हारा मेरे जीवन मे आना
तुम…मेरे प्रथम प्रेम की अधिकारिणी
मेरी अर्धांगिनी, जीवन संगिनी..
प्रेयसी,प्रियतमा..
कितने नाम दूं तुम्हें
तुमसे ही मेरे जीवन मे सुखद रातें हैं
तुमसे ही है मेरे जीवन का सुंदर सवेरा..

हार्दिक भावसार की कलम से…..🖋️

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